🩺 नाड़ी परीक्षण के बारे में जानकारी लीजिए – और नया सीखिए
डॉ. राजेश अग्रवाल से 🧘♂️
(Nadi Parikshan – Know Your Health Through the Pulse)
क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ हाथ की नस पकड़कर आपकी सारी सेहत का हाल बताया जा सकता है?
यह चमत्कार आयुर्वेद का विज्ञान है – जिसे कहते हैं “नाड़ी परीक्षा”।
👨⚕️ डॉ. राजेश अग्रवाल कहते हैं –
"नाड़ी परीक्षण शरीर, मन और आत्मा – तीनों की स्थिति को जानने का एक अत्यंत प्रभावशाली आयुर्वेदिक तरीका है। यह हमें बताता है कि व्यक्ति के शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन कैसा है, और कौन-सी बीमारियाँ पनप रही हैं या भविष्य में हो सकती हैं।"
🔍 नाड़ी परीक्षण क्या है?
नाड़ी परीक्षण एक पारंपरिक आयुर्वेदिक तरीका है, जिसमें डॉक्टर आपकी कलाई की नाड़ी (pulse) को छूकर शरीर के त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) की स्थिति का अंदाज़ा लगाते हैं।
यह परीक्षण 3 उंगलियों से किया जाता है:
तर्जनी (Index finger): कफ का परीक्षण
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मध्यमा (Middle finger): पित्त का परीक्षण
अनामिका (Ring finger):वात का परीक्षण
🧠 नाड़ी परीक्षण से क्या-क्या जाना जा सकता है?
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शरीर में छिपी बीमारियाँ
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पाचन तंत्र की स्थिति
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मानसिक तनाव या चिंता
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नींद की स्थिति
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हॉर्मोन असंतुलन
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आने वाली बीमारियों की भविष्यवाणी
🌿 डॉ. राजेश अग्रवाल का अनुभव:
डॉ. राजेश जी ने हजारों रोगियों का नाड़ी परीक्षण कर उनके शरीर की गहराई से जांच की है और बिना किसी बड़ी मशीन के उन्हें जड़ से ठीक करने की आयुर्वेदिक सलाह दी है।
“मशीनें केवल शरीर की सतह तक जांच करती हैं, पर नाड़ी परीक्षण शरीर और आत्मा की गहराई तक पहुंचता है।” – डॉ. राजेश अग्रवाल
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